ड्यूबनियम के गुण उपयोग और जानकारी Dubnium in Hindi
ड्यूबनियम (Dubnium) का परिचय
ड्यूबनियम (Dubnium) का वर्गीकरण ट्रांजीशन मेटल (Transition Metal) के रूप में किया जाता है, तथा रासायनिक रूप से यह एक तत्व है। इसका परमाणु भार 268 AMU, परमाणु संख्या 105 तथा इसका सिंबल (Db) होता है। ड्यूबनियम आवर्त सारणी (Periodic Table) में ग्रुप 5, पीरियड 7 और ब्लॉक (D) में स्थित होता है, इसके परमाणु में 105 इलेक्ट्रान, 105 प्रोटोन, 157 न्यूट्रॉन तथा 7 एनर्जी लेवल होते है। सामान्य तापमान पर ड्यूबनियम धातु ठोस अवस्था में पाया जाता है। ड्यूबनियम कृतिम रूप से बनाया जाने वाला अत्यंत दुर्लभ तत्व है इसलिए इसका घनत्व, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) और इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) अज्ञात (Unknown) है।
ड्यूबनियम की खोज रूस के डुब्ना (Dubna) में स्थित जॉइंट इंस्टिट्यूट फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (Joint Institute for Nuclear Research) संस्थान में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों ने और कैलिफ़ोर्निया के लारेंस विकिरण प्रयोगशाला में काम करने वाले वैज्ञानिकों ने की थी।
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ड्यूबनियम (Dubnium) के गुण
- ड्यूबनियम प्रकृति में नहीं पाया जाता, यह मानव द्वारा बनाया जाने वाला एक कृतिम तत्व है। इसके अभी तक केवल कुछ ही परमाणु बनाए गए है।
- ड्यूबनियम एक रेडियोएक्टिव तत्व है, इसके सभी आइसोटोप्स भी रेडियोएक्टिव होते है।
- रेडियोएक्टिव होने के कारण ड्यूबनियम अत्यंत विषैला भी होता है।
- ड्यूबनियम का सबसे स्थिर आइसोटोप ड्यूबनियम-260 है, जिसका आधा जीवन लगभग 32 घंटो का होता है।
- ड्यूबनियम की कोई ज्ञात जैविक भूमिका नहीं है।
- अत्यंत दुर्लभ होने के कारण पर्याप्त रिसर्च के आभाव में ड्यूबनियम के सभी गुणों का पता नहीं लगाया जा सका है।
ड्यूबनियम (Dubnium) के उपयोग
बहुत कम मात्रा में उत्पादित होने और केवल 32 घंटे के आधे जीवन के कारण वर्तमान में बुनियादी वैज्ञानिक रिसर्च के अलावा ड्यूबनियम का कोई अन्य उपयोग नहीं है।
ड्यूबनियम (Dubnium) की रोचक जानकारी
- ड्यूबनियम के लगभग 13 ज्ञात आइसोटोप्स पाए जाते है।
- अभी तक ड्यूबनियम के केवल कुछ ही परमाणु बनाए गए है।
- रुसी वैज्ञानिकों ने अमेरिसियम-243 के परमाणुओं पर नियोंन-22 के आयनों की बौछार की इससे ड्यूबनियम-260 और 5 मुक्त न्यूट्रॉन्स का निर्माण हुआ।
- अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्नियम-249 के परमाणुओं पर नाइट्रोजन-15 के आयनों की बौछार की इससे ड्यूबनियम-260 और चार मुक्त न्यूट्रॉन्स का निर्माण हुआ।
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