आर्सेनिक (Arsenic) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी Arsenic in Hindi - GYAN OR JANKARI

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शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

आर्सेनिक (Arsenic) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी Arsenic in Hindi

आर्सेनिक (Arsenic) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी Arsenic in Hindi


आर्सेनिक (Arsenic) का परिचय 

आर्सेनिक (Arsenic) का वर्गीकरण उपधातु (Metalloid) के रूप में किया जाता है, तथा रासायनिक रूप से यह एक तत्व है। उपधातु (Metalloid) ऐसे तत्व होते है जो धातु और अधातु दोनों के गुण प्रदर्शित करते है। आर्सेनिक का घनत्व 5.72 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है, इसका सिंबल As, परमाणु संख्या 33 तथा परमाणु भार 74.9215 amu होता है। आर्सेनिक के परमाणु में 33 इलेक्ट्रान, 33 प्रोटॉन, 42 न्यूट्रॉन और 4 एनर्जी लेवल होते है, तथा आवर्त सारणी (Periodic Table) में आर्सेनिक, ग्रुप 15, पीरियड 4 और ब्लॉक् (P) में स्थित होता है। आर्सेनिक सामान्य तापमान पर ठोस अवस्था में पाया जाता है, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) 28 ATM के दबाव पर 817 डिग्री सेल्सियस (1503 डिग्री फेरेनाइट) होता है, तथा इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) 614 डिग्री सेल्सियस (1137 डिग्री फेरेनाइट) होता है, इससे अधिक तापमान पर आर्सेनिक गैस अवस्था में पाया जाता है। 

ऐसा माना जाता है की आर्सेनिक की खोज जर्मन केमिस्ट अलबर्टूस मैगनस (Albertus Magnus) ने 1250 में की थी। 


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Arsenic in Hindi

आर्सेनिक (Arsenic) के रासायनिक और भौतिक गुण 

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Arsenic Properties in Hindi

  • आर्सेनिक तीन स्वरूपों (Allotropes) में पाया जाता है, पीला आर्सेनिक, ग्रे आर्सेनिक और ब्लैक आर्सेनिक। सामान्यतः ग्रे आर्सेनिक और पीला आर्सेनिक ही अधिक मात्रा में पाए जाते है। 
  • ग्रे आर्सेनिक सिल्वर-ग्रे रंग का चमकीला और क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है  यह धातु के समान दिखने वाला एक भंगुर पदार्थ होता है, जो बड़ी आसानी से टूट जाता है। ग्रे-आर्सेनिक ही आर्सेनिक का सबसे अधिक  पाया जाने वाला स्वरूप (Allotrope) होता है।   
  • पीला-आर्सेनिक नर्म और मोम के समान एक पदार्थ होता है जो रासायनिक रूप से अधिक सक्रीय और अत्यंत विषैला होता है, पीला आर्सेनिक, ग्रे-आर्सेनिक की वाष्प को अचानक ठंडा करने पर बनता है। 
  • पीला-आर्सेनिक सामान्य तापमान पर रौशनी के संपर्क में आने पर ग्रे-आर्सेनिक में परिवर्तित हो जाता है। 
  • ब्लैक आर्सेनिक की संरचना ब्लैक फास्फोरस के समान होती है, यह एक चमकदार और भंगुर ठोस पदार्थ होता है।  
  • आर्सेनिक को गर्म करने पर यह पिघलता नहीं बल्कि सीधा ही वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। आर्सेनिक को तरल अवस्था में बदलने के लिए 817 डिग्री सेल्सियस तापमान और 28 ATM  (वायुमंडलीय दबाव) के दबाव (प्रेशर) पर  रखा जाता है, इस गुण के कारण ही आर्सेनिक का गलनांक (Melting Point)  इसके क्वथनांक (Boiling Point) से अधिक होता है। 
  • आर्सेनिक हवा के संपर्क में आने हवा में उपस्थित ऑक्सीजन से धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करता है, जिससे इसके ऊपर आर्सेनिक-ऑक्साइड की पतली परत जम जाती है जाती है, यह परत ऑक्सीजन से होने वाली और अधिक प्रतिक्रिया को रोक देती है। 
  • उच्च तापमान पर आर्सेनिक ऑक्सीजन से तेजी से प्रतिक्रिया करके आर्सेनिक ट्राईऑक्साइड बनाता है, जो एक सफ़ेद बादल की तरह दिखाई देता है, तथा इसमें लहसुन की जैसी गंध होती है।  



आर्सेनिक (Arsenic) के उपयोग 

  • आर्सेनिक अत्यंत विषैला होता है, इसलिए इसका प्रयोग चूहे मारने के जहर और कीटनाशकों में किया जाता है। 
  • आर्सेनिक यौगिकों का उपयोग विशेष प्रकार के कांच बनाने और लकड़ी को संरक्षित के लिए किया जाता है। 
  • ट्रांजिस्टर बनाने के लिए जर्मेनियम और सिलिकॉन में कुछ मात्रा में आर्सेनिक मिलाया जाता है। 
  • गैलियम आर्सेनाइड (GaAs) में बिजली से सीधे लेजर प्रकाश उत्पन्न करने की क्षमता होती है। इसलिए इसका उपयोग हाथ घड़ियों, कैलकुलेटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में LED डायोड के द्वारा संख्याओं और अक्षरों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। 
  • आर्सेनिक और हाइड्रोजन की प्रतिक्रिया से आर्सीन (Arsine, (AsH3)) गैस बनती है, यह गैस माइक्रोचिप उद्योग में एक महत्वपूर्ण डोपेन्ट (Dopant) गैस है, यह एक विषैली गैस है इसलिए इसका उपयोग दिशानिर्देशों के अंतर्गत अत्यंत सावधानीपूर्वक किया जाता है।  
  • वाहनों में उपयोग की जाने वाली लेड एसिड बैटरी में लेड के साथ कुछ मात्रा में आर्सेनिक मिश्रधातु के रूप में मिलाया जाता है।  

आर्सेनिक (Arsenic) की रोचक जानकारी 

  • आर्सेनिक कुछ सबसे अधिक विषैले तत्वों में से एक होता है। 
  • जीवाश्म ईंधन जलाने के कारण प्रतिवर्ष लगभग 80000 टन आर्सेनिक वातावरण में मिल जाता है।  
  • अधिकांश आर्सेनिक, चांदी, तांबा और सीसा धातु के खनन समय एक उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त किया जाता है।  
  • कुछ खाद्य पदार्थ जैसे झींगे में आर्सेनिक यौगिकों की मात्रा आश्चर्यजनक रूप से अधिक होती है, परन्तु इनमे पाए जाने वाले आर्सेनिक यौगिक कम हानिकारक होतें है। 
  • आर्सेनिक अत्यंत विषैला होता है, परन्तु यह कुछ जानवरों के लिए यह सूक्ष्म मात्रा में एक आवश्यक पोषक तत्व होता है।  
  • आर्सेनिक पृथ्वी की पपड़ी में 54 वॉ सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है, जो की चांदी और स्वर्ण जैसी धातुओं के तुलना में कहीं अधिक है।