फॉस्फोरस (Phosphorus) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी Phosphorus in Hindi - GYAN OR JANKARI

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शनिवार, 20 मार्च 2021

फॉस्फोरस (Phosphorus) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी Phosphorus in Hindi

फॉस्फोरस (Phosphorus) के गुण उपयोग और रोचक जानकारी  Phosphorus in Hindi


फॉस्फोरस (Phosphorus) का परिचय 

फॉस्फोरस (Phosphorus) का वर्गीकरण अधातु के रूप में किया जाता है, तथा रासायनिक रूप से फॉस्फोरस एक तत्व है। फॉस्फोरस कई अलग-अलग स्वरूपों (Allotropes) में पाया जाता है, फॉस्फोरस (सफ़ेद) का घनत्व 1.823 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। फॉस्फोरस का सिंबल P, परमाणु संख्या 15 और इसका परमाणु भार 30.9737 amu होता है। फॉस्फोरस के परमाणु में 15 इलेक्ट्रान, 15 प्रोटॉन, 16 न्यूट्रॉन और 3 एनर्जी लेवल होते है, तथा आवर्त सारणी (Periodic Table) में फॉस्फोरस, ग्रुप 15, पीरियड 3 और ब्लॉक् P में स्थित होता है। सामान्य तापमान पर फॉस्फोरस ठोस अवस्था में पाया जाता है, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) 44.1 डिग्री सेल्सियस (111 डिग्री फेरेनाइट) होता है, तथा इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) 280 डिग्री सेल्सियस (536 डिग्री फेरेनाइट) होता है। इससे अधिक तापमान पर फॉस्फोरस गैस अवस्था में पाया जाता है।


फॉस्फोरस की खोज जर्मन फिजिशियन हैंनिग ब्रांड (Hennig Brand) ने 1669 में की थी।


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Phosphorus in Hindi



फॉस्फोरस (Phosphorus) के गुण 

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Phosphorus Properties in Hindi


  • फॉस्फोरस तीनस्वरूपों (Allotropes) में पाया  जाता है, लाल फॉस्फोरस, सफ़ेद फॉस्फोरस, और काला फॉस्फोरस, इन सभी स्वरूपों के भौतिक और रासायनिक गन अलग-अलग होते है। मुख्यतः फॉस्फोरस के दो स्वरूप लाल और सफ़ेद फॉस्फोरस का ही अधिकता से उपयोग किया जाता है। 
  • सफ़ेद फॉस्फोरस मोम की तरह एक ठोस पदार्थ होता है जो अत्यंत विषैला होता है, इसे पीला फॉस्फोरस भी कहा जाता है। सफ़ेद फॉस्फोरस से हर समय हलकी सफ़ेद-हरी चमक निकलती रहती है, यह अँधेरे में भी चमकता है, इसके त्वचा से छू जाने पर जलने से गंभीर घाव हो जाते है। हवा के संपर्क में आने पर यह स्वतः ही उच्च तापमान पर जलने लगता है, इसलिए आमतौर पर इसे पानी के अंदर स्टोर किया जाता है। 
  • लाल फॉस्फोरस लाल रंग के पाउडर की तरह दिखाई देता है, यह विषैला नहीं होता है तथा यह सफ़ेद फॉस्फोरस की तरह हवा  संपर्क में आने पर जलता नहीं है। लाल फॉस्फोरस का घनत्व 2.34 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। 
  • काला फॉस्फोरस को बैंगनी फॉस्फोरस भी जाता है, यह एक क्रिस्टलीय, परतदार ठोस पदार्थ होता है जो ग्रेफाइट की तरह दिखाई देता है, इसमें ग्रेफाइट के समान ही विधुत प्रवाहित करने की क्षमता भी होती है। फॉस्फोरस का यह स्वरूप अन्य दो फॉस्फोरस स्वरूपों की तुलना में रासायनिक रूप से सबसे कम सक्रीय होता है। काले फॉस्फोरस का घनत्व 3.56 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। 
  • फॉस्फोरस रासायनिक रूप से बहुत सक्रीय तत्व है, इसलिए यह प्रकृति में शुद्ध अवस्था में नहीं पाया जाता। 
  • फॉस्फोरस सभी हैलोजन्स (Halogens) के साथ प्रतिक्रिया करता है। 


फॉस्फोरस (Phosphorus) के उपयोग 

  • फॉस्फोरस पौधो के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व होता है, इसलिए फॉस्फोरस  का सबसे अधिक उपयोग उर्वरकों के उत्पादन में किया जाता है। 
  • सफ़ेद फॉस्फोरस का उपयोग लाल और काले फॉस्फोरस के उत्पादन में किया जाता है।
  • सफ़ेद फॉस्फोरस का उपयोग फ्लेयर और आग लगाने वाले उपकरणों में किया जाता है। 
  • लाल फॉस्फोरस का उपयोग माचिस, पटाखों और कीटनाशकों में किया जाता है।  
  • फॉस्फोरस सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक होता है, फॉस्फोरस से बनने वाला शुगर-फास्फेट DNA और RNA का एक मुख्य घटक होता है।
  • फास्फोरिक एसिड (H3PO4) का उपयोग सॉफ्ट-ड्रिंक्स में किया जाता है। 
  • कैल्शियम फास्फेट (Ca3(PO4)2) का उपयोग बेकिंग पाउडर के उत्पादन में किया जाता है।
  • ट्राइसोडियम फास्फेट (Na3PO4) का उपयोग वाटर सॉफ्टनर के रूप में किया जाता है।     


फॉस्फोरस (Phosphorus) की रोचक जानकारी 

  • फॉस्फोरस पृथ्वी की पपड़ी में 11 वॉ सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है। 
  • सफ़ेद फॉस्फोरस को हवा की अनुपस्थिति (निर्वात) में धीरे धीरे 250 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर गर्म करके लाल फॉस्फोरस का उत्पादन किया जाता है। 
  • सफ़ेद फॉस्फोरस को उत्प्रेरक पारा (Mercury) की उपस्थिति में गर्म करके काले फॉस्फोरस का उत्पादन किया जाता है।
  • फॉस्फोरस और धातुओं की प्रतिक्रिया से बने यौगिकों को फास्फाइड्स कहा जाता है। 
  • हम भोजन के द्वारा प्रतिदिन लगभग 1 ग्राम फास्फेट यौगिक लेते है तथा हमारे शरीर में लगभग 750 ग्राम फास्फेट यौगिक उपस्थित होते है, जिसमें से अधिकतर फास्फेट यौगिक हमारी हड्डियों और दांतो में कैल्शियम फास्फेट के रूप में उपस्थित रहते है।  
  • एक अनुमान के अनुसार 2050 तक हमारे फॉस्फोरस भंडार घटने लगेंगे, जिसके बाद दुनिया में  खाद्य उत्पादन क्षेत्र में एक गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है, क्योकि फॉस्फोरस पौधों के  लिए एक आवश्यक पोषक तत्व होता है तथा यह उर्वरकों का भी एक मुख्य घटक होता है।