आयोडीन (Iodine) के गुण, उपयोग और रोचक जानकारी Iodine in Hindi - GYAN OR JANKARI

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बुधवार, 10 मार्च 2021

आयोडीन (Iodine) के गुण, उपयोग और रोचक जानकारी Iodine in Hindi

आयोडीन (Iodine) के गुण, उपयोग और रोचक जानकारी Iodine in Hindi


आयोडीन (Iodine) का परिचय

आयोडीन (Iodine) का वर्गीकरण अधातु (Non-Metal) के रूप में किया जाता है तथा रासायनिक रूप से आयोडीन एक तत्व है। आयोडीन आवर्त सरणी के ग्रुप 17 में स्थित होता है, इस ग्रुप के सभी तत्वों को हैलोजन (Halogen) कहा जाता है। आयोडीन का परमाणु भार 126.9044 AMU, परमाणु संख्या 53 तथा इसका सिंबल (I) होता है। आवर्त सारणी (Periodic Table) में आयोडीन, ग्रुप 17, पीरियड 5 और ब्लॉक (P) में स्थित होता है। इसके परमाणु में 53 इलेक्ट्रान, 53 प्रोटोन, 74 न्यूट्रॉन तथा 5 एनर्जी लेवल होते है। आयोडीन का घनत्व 4.93 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। आयोडीन सामान्य तापमान पर ठोस अवस्था में पाया जाता है, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) 113.7 डिग्री सेल्सियस (236.7 डिग्री फेरेनाइट) होता है, इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) 184.4 डिग्री सेल्सियस (364 डिग्री फेरेनाइट) होता है, तथा इससे अधिक तापमान पर आयोडीन गैस अवस्था में पायी जाती है। 

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Iodine in Hindi

  • आयोडीन की खोज बर्नार्ड कॉर्टोइस (Barnard Courtois) ने 1811 में की थी।


आयोडीन (Iodine) के गुण 

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Iodine Properties in Hindi

  • आयोडीन एक काला, चमकदार, क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है।
  • आयोडीन में एक बहुत तेज गंध होती है। 
  • आयोडीन ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और ओजोन गैस से प्रतिक्रिया नहीं करता है।  
  • आयोडीन को गर्म करने पर यह पिघलता नहीं है, बल्कि सीधे ही बैंगनी रंग की वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। 
  • प्रयोगशाला के नियंत्रित वातावरण और विशेष परिस्थितियों में आयोडीन को पिघलाया जा सकता है। 
  • आयोडीन रासायनिक रूप से सक्रीय तत्व है इसलिए यह प्रकृति में शुद्ध अवस्था में नहीं पाया जाता। 
  • आयोडीन अन्य हेलोजन जैसे फ्लोरिन, क्लोरीन और ब्रोमिन की तुलना में रासायनिक रूप से कम सक्रीय होता है। 
  • आयोडीन कार्बन-टेट्राक्लोराइड में घुल जाता है, जबकि पानी में यह अलप मात्रा में घुलनशील होता है। 
  • शुद्ध आयोडीन विषाक्त होता है। 
  • आयोडीन और सभी हैलोजन्स सभी एल्कलाइन अर्थ मेटल से प्रतिक्रिया करतें है। 



आयोडीन (Iodine) के उपयोग 

  • आयोडीन मनुष्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व है, एक व्यस्क को प्रतिदिन 150 mcg आयोडीन की आवश्यकता होती है। इससे अधिक मात्रा में आयोडीन विषाक्त होता है। 
  • आयोडीन हमारे शरीर में थाइराइड ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित थाइराइड हार्मोन का एक हिस्सा होती है। थाइराइड हार्मोन हमारे शरीर में शारीरिक और मानसिक विकास की दर को नियंत्रित रखता है, आयोडीन की कमी से थाइराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है, जिससे गले में सूजन आ जाती है जिसे गोइटर (Goiter) कहा जाता है और कई प्रकार के अन्य रोग भी हो जाते है, इससे बचाव के लिए खाने के नमक में कुछ मात्रा में आयोडीन मिलाया जाता है, जिसे आयोडीन युक्त नमक कहा जाता है। 
  • आयोडीन का उपयोग स्टार्च के परिक्षण में किया जाता है। 
  • आयोडीन का उपयोग एलसीडी डिस्प्ले के लिए पोलराईजिंग फ़िल्टर बनाने के लिए किया जाता है। 
  • आयोडीन के रेडियोएक्टिव आइसोटोप आयोडीन-133 का उपयोग थाइराइड कैंसर के उपचार में किया जाता है। 
  • पौटेशियम-आयोडाइट और सिल्वर-आयोडीन का उपयोग फोटोग्राफी फिल्म बनाने के लिए किया जाता था।  
  • आयोडीन और एलकोहॉल को मिलकर एंटीसेप्टिक बनाया जाता है जिसे टिंचर कहा जाता है, यह बाहरी घावों के लिए प्रयोग किया जाता है। 
  • आयोडीन के कई लवणों (Salts) का उपयोग फार्मासूटिकल, प्रिंटिंग स्याही, पशु आहार के पूरक (Supplement) के रूप में और उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।   
  • सिल्वर-आयोडाइट का उपयोग कृतिम बारिश (Cloud Seeding) में किया जाता है।  


आयोडीन (Iodine) की रोचक जानकारी 

  • आयोडीन का सर्वप्रथम व्यावसायिक उपयोग फोटोग्राफी के लिए किया गया था। 
  • शुद्ध आयोडीन का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए, यह त्वचा को जला सकता है तथा आँखों की शलेषमा झिल्ली को नुक्सान पंहुचा सकता है।  
  • आयोडीन हवा, पानी और मिटटी में स्वभाविक रूप से पाया जाता है, तथा महासागरों में मिट्टी की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में आयोडीन पाया जाता है।