निकल के उपयोग, गुण और रोचक तथ्य
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परिचय / Introduction
निकल एक धातु है तथा रासायनिक रूप से यह एक तत्व है। निकल सिल्वर-सफ़ेद रंग की चमकीली धातु होती है। निकल का परमाणु भार 58.6934 AMU, परमाणु संख्या 28 तथा सिंबल Ni होता है। इसके परमाणु में 28 इलेक्ट्रान, 28 प्रोटोन, 31 न्यूट्रॉन तथा 4 एनर्जी लेवल होते है। निकल का घनत्व 8.9 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। सामान्य तापमान पर निकल ठोस अवस्था में पाया जाता है।निकल का गलनांक (पिघलने का तापमान) 1455 डिग्री सेल्सियस (2651 डिग्री फेरेनाइट) और इसका क्वथनांक (उबलने का तापमान) 2913 डिग्री सेल्सियस (5275 डिग्री फेरेनाइट) होता है। आवर्त सारणी (Periodic Table) में निकल, ग्रुप 10, पीरियड 4 और ब्लॉक D में स्थित होता है।
निकल की खोज 1751 में स्वीडिश रसायनशास्त्री (केमिस्ट) एक्सेल फेड्रिक क्रोन्स्टेड ने की थी।
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निकल के गुण उपयोग और रोचक तथ्य |
निकल के गुण / Nickel Properties in Hindi
- निकल सिल्वर सफ़ेद रंग की चमकीली धातु होती है।
- निकल डक्टाइल धातु होती है, इसलिए इसे खींचकर बहुत पतला तार बनाया जा सकता है। एक किलोग्राम निकल से लगभग 300 किलोमीटर लम्बा तार बनाया जा सकता है।
- निकल बहुत ही कठोर धातु होती है।
- निकल जंक प्रतिरोधी धातु होती है, निकल बहुत अधिक तापमान अपनी जंक प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखता है। इसलिए निकल का उपयोग अन्य धातुओं पर इलेक्ट्रोप्लेटिंग द्वारा एक सुरक्षा परत बनाने के लिए किया जाता है।
- निकल तनु अम्लों में धीरे-धीरे घुल जाता है।
- निकल से बनने वाले अधिकांश यौगिक नीले या हरे होते है।
- कांच में निकल मिलाने पर कांच का रंग हरा हो जाता है।
- निकल के मिश्र धातुओं में स्ट्रेंथ, डकटीलिटी और उच्च तापमान पर जंक प्रतिरोधकता जैसे गुण होते है।
- निकल उष्मा और बिजली का बहुत अच्छा संवाहक होता है
- निकल चार फैरोमेग्नेटिक तत्वों (लोहा, निकल, कोबाल्ट और गाडोलिनियम) में से एक होता है, फैरोमेग्नेटिक तत्व ऐसे तत्व होते है, जो सामान्य तापमान पर चुम्बक द्वारा आकर्षित होते है।
- 355 डिग्री सेल्सियस (671 डिग्री फेरेनाइट) से अधिक तापमान पर निकल चुम्बक द्वारा आकर्षित नहीं होती है।
- निकल के परमाणु में दो इलेक्ट्रॉन विन्यास (Configuration) होते है।
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निकल के उपयोग / Nickel uses in Hindi
- पुराने समय में निकल का प्रयोग सिक्के बनाने के किया जाता था।
- निकल का प्रयोग कई तरह मिश्र धातु बनाने के लिए किया जाता है।
- निकल जंक प्रतिरोधी धातु होती है, इसलिए इसका उपयोग अन्य धातुओं पर सुरक्षा परत (प्रोटेक्टिव लेयर) बनाने में किया जाता है।
- कॉपर निकल मिश्र धातु का उपयोग समुद्री पानी को शुद्ध करने वाले सयंत्र बनाने के लिए किया जाता है।
- वनस्पति तेलों का हइड्रोजनीकरण करने के लिए निकल का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
- निकल का प्रयोग हाइब्रिड वाहनों के लिए रिचार्जेबल निकल-केडमियम बैटरी बनाने के लिए किया जाता है।
- निकल अत्यधिक उच्च तापमान पर भी जंक प्रतिरोधी क्षमता बनाये रखता है, इसलिए इसका उपयोग गैस टरबाइन और रॉकेट इंजन बनाने के लिए किया जाता है।
- निकल का उपयोग शक्तिशाली स्थाई चुम्बक (परमानेंट मैगनेट) बनाने के लिए किया जाता है, जिन्हे अलनिको मैग्नेट कहा जाता है। अलनिको मैग्नेट बनाने लिए निकल, एल्युमीनियम, लोहा और कोबाल्ट धातुएँ मिलकर मिश्रधातु बनाई जाती है।
निकल के रोचक तथ्य / Facts about Nickel In Hindi
- 1 किलो चाय की सुखी पत्तियों में 7.6 मिलीग्राम निकल पाया जाता है।
- दुनिया का लगभग 46 % निकल इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
- एक किलोग्राम निकल से 300 किलोमीटर लम्बा तार बनाया जा सकता है।
- 80% निकल, 20 % लोहा और अल्प मात्रा में मालिब्डेनम मिलाकर मयूमेटाल (Mu-metal) नाम की मिश्र धातु बनाई जाती है। इस मयूमटेल में विचित्र गुण पाया जाता है, यह चुंबकीय किरणों को अवरुद्ध कर देता है। सामान्य तौर पर जब लोहे को चुम्बक के निकट लाया जाता है तो चुम्बक लोहे को आकर्षित कर लेता है, परन्तु जब लोहे और चुम्बक के बिच मयूमटेल रखा जाता है तो चुम्बक का आकर्षण समाप्त हो जाता है।
- निकल की मिश्र धातु निटिनॉल में अपने पिछले आकर की याद रखने की क्षमता (Shape Memory Properties) होती है, इसकी खोज 1960 के दशक में की गयी थी।