विटामिन डी हमारे लिए अत्यंत आवश्यक विटामिन होता है, विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में सहायक होता है, विटामिन D की कमी होने पर हमारे द्वारा ग्रहण किया गया कैल्शियम शरीर में अवशोषित नहीं होता, जिसके कारन हड्डियों का दर्द और हड्डियों का कमजोर होना जैसे समस्याएं हो सकती है। विटामिन डी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है जिसके कारण हम कम बीमार पड़ते है विटामिन डी हमारे हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक होता है। विटामिन डी हमारे शरीर में इन्सुलिन हार्मोन के स्तर को नियमित रखता है। बहुत लम्बे समय तक विटामिन डी की कमी होने पर मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, ओस्टीओपोरोसिस, रिकेट्स, टाइप 2 डॉयबिटीज जैसे रोग होने की संभावनाएं बहुत बढ़ जाती है। एक सामान्य व्यक्ति को रोजाना 600 – 800 IU ( IU = International Units)विटामिन D की जरुरत होती है। विटामिन D के दो प्रकार का पाया जाता है (1) विटामिन D2 (2) विटामिन D3, विटामिन D2 ऐसा विटामिन होता है जो हमें पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थो (Plant-sourced Foods) में मिलता है, तथा विटामिन D3 ऐसा विटामिन होता है जो हमें पशुओं से प्राप्त खाद्य पदार्थो में मिलता है, इनके अलावा सूरज की धुप के संपर्क में आने पर हमारी त्वचा में विटामिन D3 का निर्माण होता है। कई रिसर्च में यह पाया गया है की विटामिन D3 विटामिन D2 की तुलना में अधिक उपयोगी और कारगर होता है। विटामिन D की कमी को दूर करने के लिए प्रकृति में बहुत से साधन उपलब्ध है, जैसे सूरज की धुप और विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ आदि। विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के पाए जाते है जो की इस प्रकार है :-
शाकाहारियों के लिए विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ
शाकाहारियों के लिए मांसाहारियों की तुलना में विटामिन D के स्रोतों के विलल्प सिमित मात्रा में ही उपलब्ध है जो की इस प्रकार है :-
सूरज की धुप
सूरज की धुप
विटामिन D एकमात्र ऐसा विटामिन है जिसका उत्पादन हमारे शरीर में हो सकता है। हमारी त्वचा जब सूरज की धुप के संपर्क में आती है तब हमारी त्वचा में विटामिन D3 बनने लगता है। हफ्ते में 4 – 5 दिन केवल 20 मिनट धुप में बिताने से हमारे शरीर में पर्याप्त विटामिन D का उत्पादन हो जाता है विटामिन D प्राप्त करने का यह प्रकृति द्वारा प्रदान किया हुआ बहुत ही सरल और सस्ता साधन है।
मशरुम
मशरूम ऐसे खाद्य पदार्थ होते है जिनमे सूरज की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने पर विटामिन डी बनता है। मशरूम को ऐसी जगह उगाया जाता है जहा पर रौशनी कम होती है इसलिए साधारण मशरूम में विटामिन डी बहुत कम मात्रा में पाया जाता है, मशरूम में विटामिन D की मात्रा बढ़ने के लिए इन्हे दो से तीन दिनों तक अच्छी तरह से सूरज की धुप में सुखाया जाता है धुप के संपर्क में आने के बाद मशरूम में विटामिन डी की मात्रा बढ़ जाती है. धुप के संपर्क में रखे गए मशरूम की 50 ग्राम मात्रा में लगभग 560 IU विटामिन डी होता है जो की दैनिक जरुरत का लगभग 93 % होता है।
मक्खन
मक्खन भी विटामिन D का एक स्रोत होता है परन्तु मक्खन में विटामिन D की मात्रा बहुत कम होती है, 100 ग्राम मक्खन में लगभग 60 IU विटामिन D होता है जो की दैनिक जरुरत का केवल 10 % ही होता है। इसलिए मक्खन को Vitamin D का बहुत अच्छा स्रोत नहीं माना जाता।
फोर्टिफाइड दूध
साधारण दूध में विटामिन D बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है, इसलिए दूध में अलग से पोषक तत्व मिलाए जाते है जिनमे से एक विटामिन D भी होता है ऐसे दूध को फोर्टिफाइड दूध कहते है। फोर्टिफाइड दूध में विटामिन D की मात्रा 55 से 100 IU प्रति 100ml तक होती है, यह विटामिन डी का बहुत अच्छा स्रोत होता है।
फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस
ऐसे लोग जिन्हे लैक्टोस और डेयरी उत्पादों से एलर्जी होती है, वे फोर्टिफाइड दूध का सेवन नहीं कर सकते अतः उनके लिए ऑरेंज जूस में विटामिन डी और अन्य पोषक तत्व मिलाए जाते है जिसे फोर्टीफ़िएड ऑरेंज जूस कहते है।
नॉनवेजिटेरियन के लिए विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ
नॉनवेज खाने वालो के लिए विटामिन डी के बहुत से स्रोत उपलब्ध है जिनमे से कुछ इस प्रकार है :-
अंडे की जर्दी
अंडे की जर्दी विटामिन डी का एक बहुत अच्छा स्रोत होती है Egg Yolk की 100 ग्राम मात्रा में लगभग 220 IU विटामिन डी होता है जो दैनिक जरुरत का लगभग 40 % होता है।
कॉड लीवर आयल
कॉड लिवर आयल Vitamin D के कुछ सबसे अच्छे स्रोतों में से एक होता है, कॉड लिवर आयल कॉड मछली के लिवर से बनाया जाता है, इस आयल की 1 Tablespoon या 13.6 ग्राम मात्रा में लगभग 1300 IUविटामिन डी होता है, जो की दैनिक जरुरत का लगभग दो गुना से भी ज्यादा होता है। कॉड लिवर आयल विटामिन A का भी बहुत अच्छा स्रोत होता है।
रेनबो ट्राउट मछली
रेनबो ट्राउट मछली प्रशांत महासागर में पायी जाने वाली मछली होती है, यह विटामिन डी का बहुत अच्छा स्रोत होती है रेनबो ट्राउट मछली की 100 ग्राम मात्रा में 635 IUविटामिन डी होता है।
सालमन मछली
सालमन मछली बहुत पसंद की जाने वाली मछली होती है, यह विटामिन डी का भी बहुत अच्छा स्रोत होती है 100 ग्राम सालमन मछली की मात्रा में लगभग 525 IUविटामिन डी होता है जो की दैनिक जरुरत का 85 % होता है।
सार्डिन मछली
सार्डिन मछली भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत होती है 100 ग्राम सार्डिन मछली में 195 IUविटामिन डी होता है।
विटामिन डी के अन्य स्रोत
विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर के सलाह से विटामिन डी के सप्लीमेंट भी लिए जाते है, इन विटामिन सप्लीमेंट्स टेबलेट्स में विटामिन डी के अलावा अन्य विटामिन भी होते है ये टेबलेट्स विटामिन्स प्राप्त करने का बहुत ही अच्छा स्रोत होती है।