टाइटेनियम धातु की जानकारी / Titanium Metal in Hindi
टाइटेनियम धातु के गुण
टाइटेनियम बहुत अधिक क्रियाशील (Highly Reactive) धातु होती है खुले वातावरण के संपर्क में आने पर टाइटेनियम पर ऑक्सीजन से क्रिया के कारण टाइटेनियम ऑक्साइड की परत बन जाती है यह परत बहुत अधिक मजबूती से टाइटेनियम पर चिपकी रहती है, यह परत टाइटेनियम का और अधिक ऑक्सीकरण होने से रोक देती है तथा यह परत टाइटेनियम को बहुत अच्छी जंक रोधी (Highly Corrosion Resistance) धातु बना देती है। टाइटेनियम धातु समुद्री पानी, एसिड्स तथा अम्लराज (Aqua Regia) से भी जंक प्रतिरोधी होती है।
टाइटेनियम की जंकरोधी क्षमता स्टेनलेस स्टील से भी कई गुना अधिक होती है।
टाइटेनियम के इलेक्ट्रिकल और थर्मल कंडक्टिविटी बहुत कम होती है।
टाइटेनियम स्टील के सामान मजबूत धातु होती है परन्तु इसका भार स्टील से बहुत कम होता है।
टाइटेनियम 430 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म करने पर अपनी मजबूती खोने लगता है।
टाइटेनियम पैरामैग्नेटिक धातु होती है अर्ताथ टाइटेनियम मेग्नेट के द्वारा अल्प आकर्षित होती है।
टाइटेनियम धातु में लोहा, एलुमिनियम, वनैडियम, मॉलिब्डेनम,कर्मीयम, कोबाल्ट, निकल, कॉपर आदि धातु मिलाकर मिश्र धातु बनाई जाती है, इससे बनी मिश्र धातु मजबूत, भार में हलकी, जंकरोधी तथा आसानी से वेल्ड करने योग्य होती है।
टाइटेनियम ऐसी कुछ धातुओं में से एक है जो की शुद्ध नाइट्रोजन की उपस्थति में जलती है। यह 800 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर शुद्ध नाइट्रोजन की उपस्थति में जलने लगती है और टाइटेनियम नाइट्राइट बनाती है। टाइटेनियम के इसी गुण के कारण अति न्यून दाब (Ultra Low Pressure) बनाने के लिए टाइटेनियम फिलामेंट का उपयोग टाइटेनियम सब्लिमेशन पंप में किया जाता है।
टाइटेनियम धातु 1200 डिग्री के तापमान पर सामान्य हवा में तथा 610 डिग्री सेल्सियस पर शुद्ध ऑक्सीजन की उपस्थिति में ओक्सिजन से बहुत आसानी से क्रिया करती है और टाइटेनियम ऑक्साइड TiO2 बनती है जिसका उपयोग पिग्मेंट के रूप में किया जाता है टाइटेनियम ऑक्साइड को टाइटेनियम वाइट या पिग्मेंट वाइट भी कहते है।
टाइटेनियम थर्मोडाइनेमिक रूप से बहुत अधिक क्रियाशील धातु है यह सामान्य वातावरण में गर्म करने पर अपने मेल्टिंग पॉइंट अर्ताथ पिघलने के तापमान से पहले ही जलने लगती है इसलिए टाइटेनियम को पिघलाने के लिए निर्वात (Vacuum) या निष्क्रिय वातावरण में गर्म किया जाता है।
टाइटेनियम पानी से अभिक्रिया नहीं करता परन्तु पानी को गर्म करने पर टाइटेनियम पानी की वाष्प से क्रिया करके टाइटेनियम ऑक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनता है।
टाइटेनियम सामान्य तापमान पर हैलोजन्स से क्रिया नहीं करता परन्तु 200 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर हैलोजन्स के संपर्क में आने पर टाइटेनियम में जंक लग जाता है।
टाइटेनियम धातु के उपयोग
टाइटेनियम ऑक्साइड का उपयोग सफ़ेद पिग्मेन्ट के रूप में किया जाता है जिसका उपयोग पेंट इंडस्ट्री में पेंट बनाने के लिए किया जाता है।
टाइटेनियम का उपयोग ऐरोस्पेस इंडस्ट्री में किया जाता है टाइटेनियम और इससे बनी मिश्र धातुओं से हवाई जहाज, जेट इंजन, मिसाइल आदि बनाये जाते है।
टाइटेनियम मानव शरीर के लिए बहुत अनुकूल धातु है इस धातु का शरीर में कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है इसलिए इस धातु का उपयोग मेडिकल इंडस्ट्री में भी किया जाता है टाइटेनियम का उपयोग से दांतो के इम्प्लांट्स (Dental Implants) तथा हार्ट के स्टंट्स बनाये जाते है
टाइटेनियम का घनत्व मानव हड्डी के समान ही होता है तथा यह बहुत मजबूत धातु होती है इसलिए इसके उपयोग से शरीर के भीतर लगने वाले सर्जिकल इम्प्लांट्स जैसे हिप बॉल, सॉकेट, जॉइंट रिप्लेसमेंट आदि बनाये जाते है।
टाइटेनियम मजबूत तथा भार में हलकी धातु होती है इसलिए इससे सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स, मेडिकल डिवाइस, व्हीलचेयर, प्रोस्थेसिस पार्ट्स (कृतिम अंग) आदि बनाये जाते है।
टाइटेनियम धातु का उपयोग स्पोर्ट्स के उपकरण बनाने में भी किया जाता है इसके द्वारा मजबूत तथा भार में हलकी रेसिंग साइकिलें बनाई जाती है, गोल्फ क्लब्स बनाये जाते है, पर्वतारोहण (Mountain Climbing) के उपकरण आदि बनाये जाते है।
टाइटेनियम नाइट्राइट (TiN) का उपयोग उच्च गुणवक्ता वाले ड्रिल बिट और कटिंग टूल बनाने के लिए किया जाता है इससे बने हुए ड्रिल बिट साधारण ड्रिल बिट की तुलना में 6 से 10 गुना अधिक चलते है।
टाइटेनियम धातु का उपयोग उच्च गुणवक्ता के कीमती इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बनाने के लिए किया जाता है जैसे मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, घड़ियाँ आदि।
टाइटेनियम धातु का उपयोग गहने बनाने में भी किया जाता है।
टाइटेनियम धातु का उपयोग पानी के जहाज और पनडुब्बियों के उन हिस्सों को बनाने में होता है जो खारे पानी के संपर्क में आते है।
टाइटेनियम धातु का उपयोग परमाणु रिएक्टर बनाने में भी किया जाता है। परमाणु रिएक्टर में ताप विनिमय उपकरण (Heat Exchange Units) बनाने के लिए टाइटेनियम और टाइटेनियम से बनी मिश्र धातुओं का प्रयोग किया जाता है।
टाइटेनियम धातु के उपयोग से डिस्टिलेशन प्लांट बनाये जाते है जहाँ पर समुद्र के खारे पानी को पिने योग्य मीठे पानी में बदला जाता है।
टाइटेनियम का उपयोग पटाखों में किया जाता है
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टाइटेनियम धातु के रोचक तथ्य
टाइटेनियम के उपयोग से पहला विमान SR 71 Blackbird बनाया गया था यह विमान 3500 किलोमीटर प्रति घंटा अर्ताथ ध्वनि से 3 गुना अधिक रफ़्तार पर उड़ान भरता था इतनी अधिक रफ़्तार पर उड़ान भरने के कारण इस हवाई जहाज का हवा से घर्षण के कारन इसकी सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता था उस तापमान पर साधारण हवाई जहाजों में उपयोग आने वाले मटेरियल पिघल जाते है इसलिए इस हवाई जहाज को बनाने के लिए टाइटेनियम धातु का प्रयोग किया गया था।
कुल टाइटेनियम उत्पादन के 90 % से ज्यादा का उपयोग पिग्मेंट बनाने के लिए किया जाता है जिसका उपयोग पेंट उद्योग में किया जाता है।
टाइटेनियम धातु एलुमिनियम से 60 प्रतिशत अधिक भारी होता है परन्तु यह एलुमिनियम से 2 गुना अधिक मजबूत होता है।
टाइटेनियम धातु से बने कंटेनर का उपयोग परमाणु कचरा (Nuclear Waste) रखने के लिए किया जाता है।
टाइटेनियम पृथ्वी के अलावा उल्कापिंड, चन्द्रमा और अन्य ग्रहों पर भी पाया जाता है।
स्पेन के बिलबाओ में स्तिथ गूगेनहाइम संग्रहालय (Guggenheim Museum) को पूरी तरह से टाइटेनियम प्लेटेड टाइलों से ढका गया है।
टाइटेनियम धातु का उत्पादन
दुनिया में सर्वाधिक टाइटेनियम का उत्पादन चीन में होता है, भारत का टाइटेनियम उत्पादन में दुनिया में छठा स्थान है वर्ष 2013 में लगभग 500 मीट्रिक टन टाइटेनियम का उत्पादन भारत में किया गया था।