प्लैटिनम धातु की जानकारी / Platinum Metal in Hindi
प्लैटिनम धातु के गुण
प्लैटिनम धातु ऑस्मियम (घनत्व 22. 587 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर ) और इरीडियम (घनत्व 22. 56 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर ) के बाद तीसरी सबसे भारी धातु है प्लैटिनम का घनत्व 21. 45 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है।
प्लैटिनम धातु पर हवा और पानी का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।
प्लैटिनम धातु की उपस्थति में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण में विस्फोट हो जाता है।
प्लैटिनम के स्वाभाविक रूप से 6 आइसोटोप पाए जाते है, जिसमे से प्लैटिनम – 194 सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है।
प्लैटिनम बहुत मजबूत और टिकाऊ होता है यह अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक ठण्ड में भी तनाव प्रतिरोधी होता है अर्ताथ प्लैटिनम अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक ठण्ड में भी न तो अधिक फैलता है और न ही अधिक सिकुड़ता है तथा अपने आकर को बनाये रखता है इसलिए प्लैटिनम से बने गहने लम्बे समय तक टिकाऊ बने रहते है।
प्लैटिनम में एंटी एलर्जीक गुण होते है इसलिए प्लैटिनम से बने गहने किसी भी एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति भी आसानी से पहन सकता है।
प्लैटिनम धातु के उपयोग
प्लैटिनम धातु का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग ऑटोमोबाइल उद्योग में होता है, प्लैटिनम के द्वारा वाहनों के लिए कैटेलिटिक कनवर्टर बनाया जाता है यह गाड़ियों के एग्जॉस्ट (Exhaust) में लगाया जाता है, कैटेलिटिक कनवर्टर गाड़ियों से निकलने वाली जहरीली गैसों को कम हानिकारक गैसों में परिवर्तित कर देता है जिससे प्रदूषण कम होता है।
कैटेलिटिक कनवर्टर के अंदर मधुमक्खी के छत्ते (Honeycomb) जैसी सिरेमिक से बनी जाली होती है जिस पर प्लैटिनम और पैलेडियम धातुओं की परत होती है जब इंजिन का धुआँ इस जाली में से होकर गुजरता है तो यह कार्बन मोनोऑक्साइड को कार्बन डाईऑक्साइड में बदल देता है, हाइड्रोकार्बन को कार्बन डाईऑक्साइड और पानी में बदल देता है तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड को नाइट्रोजन और ऑक्सीजन में बदल देता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग पेट्रोलियम इंडस्ट्री में भी किया जाता है प्लैटिनम धातु से बने कैटेलिटिक कच्चे तेल (Crude Oil ) से पेट्रोल (Gasoline) और अन्य ईधन निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग कंप्यूटर की हार्डडिस्क बनाने में होता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग फाइबर ऑप्टिक केबल बनाने में होता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग एंटी कैंसर दवाइयाँ बनाने में होता है तथा कीमोथेरिपी में भी प्लैटिनम का उपयोग किया जाता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग दन्त चिकित्सा में भी किया जाता है।
प्लैटिनम का उपयोग उर्वरक (Fertilizers) और विस्फोटक (Explosives) निर्माण के लिए अमोनिया से नाइट्रिक एसिड बनाने के लिए किया जाता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग उच्च गुणवक्ता के गहने बनाने में किया जाता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग उच्च गुणवक्ता के अत्यंत कीमती चश्मे बनाने के लिए किया जाता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग कांच उद्योग में क्रूसिबल और लाइनर बनाने के लिए किया जाता है क्योकि प्लैटिनम का मेल्टिंग टेम्प्रेचर बहुत अधिक होता है तथा यह निष्क्रिय धातु होने के कारण पिघले हुए कांच से कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं करता है।
प्लैटिनम धातु का उपयोग LCD डिस्प्ले निर्माण के लिए काँच और फाइबरग्लास रीइंफोर्स प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है।
प्लैटिनम से बने कैटेलिटिक कनवर्टर का उपयोग फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी में किया जाता है।
प्लैटिनम का उपयोग पानी के जहाजों और समुद्र के अंदर पाइपलाइनॉ पर एनोड के रूप में किया जाता है जिससे इन्हे समुद्र के खारे पानी से जंक लगने से बचाया जा सके।
मिसाइल के नोज कोन, जेट इंजन के फयूल नोजल तथा अन्य उपकरणों पर प्लैटिनम की कोटिंग की जाती है जिससे वो उच्च तापमान पर भी लम्बे समय तक कुशलता से काम कर सके।
प्लैटिनम निष्क्रिय तथा एंटी एलर्जिक धातु होती है, इसकी इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी भी अच्छी होती है तथा इसके द्वारा बनाये गए छोटे आकर के पुर्जे भी काफी मजबूत और टिकाऊ होते है इस सब खूबियों के कारन प्लैटिनम का उपयोग शरीर के अंदर लगने वाले उपकरण जैसे पेसमेकर, स्टंट्स, इम्प्लांटेबल कार्डिओवेर्टर डेफीब्रीलेटर (ICD) आदि उपकरण बनाने में किया जाता है।
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प्लैटिनम धातु के रोचक तथ्य
प्लैटिनम पानी से लगभग 21 गुना अधिक भारी तथा लोहे से लगभग 3 गुना अधिक भारी धातु होती है।
किलोग्राम का अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोटाइप IPK (International Prototype of Kilogram) जिसके द्वारा पूरी दुनिया में 1 किलोग्राम का भार निर्धारित किया जाता है वह प्रोटोटाइप एक गोलाकार सिलिंडर के रूप में बनाया गया है जिसका व्यास (Diameter) और लम्बाई (Height) एक सामान 39 मिलीमीटर है यह सिलिंडर प्लैटिनम और इरीडियम की मिश्र धातु से बनी है जिसमे लगभग 90 % प्लैटिनम है और 10 % इरीडियम है। यह प्रोटोटाइप सेंट-क्लाउड, फ्रांस में रखा गया है।
इसी तरह मीटर का अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोटाइप (International Prototype of Meter) जिसके द्वारा पूरी दुनिया में 1 मीटर की दुरी निर्धारित की जाती है वह एक X आकर की छड़ (Rod) है जो की प्लैटिनम और इरीडियम की मिश्र धातु से बनी है जिसमे लगभग 90 % प्लैटिनम है और 10 % इरीडियम है। यह फ्रांस के पेरिस शहर में राखी गयी है।
एक अनुमान के मुताबिक कुल प्लैटिनम उत्पादन का केवल 25% ही गहने बनाने में और निवेश में उपयोग होता है बाकि 75% प्लैटिनम उत्पादन का उपयोग उद्योगों में होता है।
प्लैटिनम का मेल्टिंग पॉइंट लोहे के मेल्टिंग पॉइंट से भी लगभग 200 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है।
प्लैटिनम का उत्पादन
दुनिया में 5 प्रमुख प्लैटिनम उत्पादक देश है जो की साउथ अफ्रीका, रूस, ज़िम्बाब्वे, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका है इसमें से साउथ अफ़्रीका देश में दुनिया के कुल प्लैटिनम उत्पादन का 70 % उत्पादन होता है जो की वर्ष 2018 में लगभग 110 मीट्रिक टन था।
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