चांदी की जानकारी / Silver Metal in Hindi
चांदी (Silver) एक धातु है यह रासायनिक रूप में एक तत्त्व है, चाँदी
सफेद रंग की चमकदार तथा नरम धातु होती है इसका रासायनिक सिम्ब्ल
(Symbol) Ag होता है, इसका परमाणु भार (Atomic Weight ) 107.868 होता है इसका परमाणु संख्या क्रमांक (Atomic Number) 47 है। इसके परमाणु में 47 इलेक्ट्रान 47 प्रोटोन
61 न्यूट्रॉन होते है चाँदी का घनत्व (Density ) 10.5 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है। चाँदी सामान्य तापमान परत ठोस
होती है तथा यह 961.8 डिग्री सेल्सियस पर पिघलती है तथा 2162 डिग्री सेल्सियस पर यह उबलने लगती है।
चाँदी का प्रयोग हजारो सालो से किया जा रहा है इसलिए चाँदी की खोज किसके
द्वारा की गयी यह अज्ञात है।
चांदी बहुत दुर्लभ धातु होती है इसलिए यह बहुत कीमती भी होती है। धरती में
चांदी की उपलब्ध्ता 0.075 PPM ( Parts Per Million) होती है अर्ताथ
धरती के 10 लाख कणों में 0.075 कण चांदी के होते है इसी
तरह धरती में
स्वर्ण
(Gold ) की उपलब्ध्ता 0.004 PPM ( Parts Per Million) होती है
जिसके कारण
स्वर्ण (Gold) चांदी से भी कहीं अधिक दुर्लभ होने के कारण चांदी से बहुत अधिक कीमती
होता है।
चाँदी विधुत की सबसे अच्छी सुचालक धातु होती है परन्तु यह बहुत महँगी होती है इसलिए विद्युत उपकरणों में चाँदी स्थान पर ताँबे का प्रयोग किया जाता है , तांबा भी विद्युत का बहुत अच्छा सुचालक होता है परन्तु ताम्बे की विद्युत सुचालकता चांदी से कम होती है।
चाँदी विधुत की सबसे अच्छी सुचालक धातु होती है परन्तु यह बहुत महँगी होती है इसलिए विद्युत उपकरणों में चाँदी स्थान पर ताँबे का प्रयोग किया जाता है , तांबा भी विद्युत का बहुत अच्छा सुचालक होता है परन्तु ताम्बे की विद्युत सुचालकता चांदी से कम होती है।
चांदी सबसे अच्छी ताप सुचालक (Thermal Conductor) धातु होती है।
चांदी बहुत नर्म और मेलिएबल धातु होती है जिसके कारन चांदी को पिट पिट कर बहुत पतली चादर बनाई जा सकती है चांदी के इसी गुण के कारन चांदी को पिट पिट कर चांदी के वर्क बनाये जाते है।
चांदी में तन्यता का गुण पाया जाता है जिसके कारन चांदी को खींच कर बिना टूटे बहुत पतला तार बनाया जा सकता है।
चांदी में पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड तथा सल्फर डाई ऑक्साइड की अभीक्रिया से जंक लग जाती है जो की काले रंग की होती है।
चांदी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है।
चांदी में प्रकाश को परावर्तित करने की क्षमता सभी धातुओं में सर्वाधिक होती है।
चांदी बहुत नर्म और मेलिएबल धातु होती है जिसके कारन चांदी को पिट पिट कर बहुत पतली चादर बनाई जा सकती है चांदी के इसी गुण के कारन चांदी को पिट पिट कर चांदी के वर्क बनाये जाते है।
चांदी में तन्यता का गुण पाया जाता है जिसके कारन चांदी को खींच कर बिना टूटे बहुत पतला तार बनाया जा सकता है।
चांदी में पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड तथा सल्फर डाई ऑक्साइड की अभीक्रिया से जंक लग जाती है जो की काले रंग की होती है।
चांदी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है।
चांदी में प्रकाश को परावर्तित करने की क्षमता सभी धातुओं में सर्वाधिक होती है।
चांदी (Silver) के उपयोग
सोलर पैनल में
चांदी का उपयोग सोलर पैनल बनाने में किया जाता है, 1.8 वर्ग मीटर के एक सोलर पैनल में लगभग 20 ग्राम चांदी होती है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2018 में पुरे विश्व के चांदी उत्पादन के 8 % चांदी का उपयोग सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग में किया गया था।कृतिम बारिश में
चांदी का उपयोग कृतिम बारिश कराने में भी होता है जिसे क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) भी कहते है। कृतिम बारिश कराने के लिए सिल्वर आयोडाइट (Silver Iodide) या कैल्शियम क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है। कृतिम बारिश कराने के लिए नमी से भरे बदलो के ऊपर हवाई जहाज से सिल्वर आयोडाइट (Silver Iodide) या कैल्शियम क्लोराइड का छिड़काव किया जाता है जिससे ये पदार्थ बदलो की नमी को अपनी और आकर्षित कर लेते है जिससे बदलो की नमी इकट्ठी होकर बड़ी बड़ी बूंदो का रूप ले लेती है और ये बुँदे भारी होने के कारण नीचे गिर जाती है जिससे बारिश हो जाती है।खाद्य संरक्षण (Food Preservation ) में
चांदी का उपयोग खाद्य संरक्षण में भी होता है चांदी में जीवाणुओं और बैक्टीरिआ से लड़ने की क्षमता होती है इसलिए आजकल के रेफ्रिजरेटर में सिल्वर आयन (Silver Ion) टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता है जिससे रेफ्रिजरेटर में रखे हुए फल सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थ बहुत दिनों तक ख़राब नहीं होते और ताजे बने रहते है।चांदी का उपयोग वाटर फिल्ट्रेशन में भी किया जाता है।
सिल्वर आयन टेक्नोलॉजी का प्रयोग सीप (Oyster) उत्पादन में सीपों को बैक्टीरिया और फंगस से बचने के लिए होता है।
चिकित्सा में
चांदी में एंटी बैक्टीरियल गुण होते है चांदी के संपर्क में आने के बाद बैक्टीरिआ अपनी वृद्धि नहीं कर पते और नस्ट होने लगते है इसलिए चांदी का उपयोग घाव भरने वाली मरहम पट्टी बनाने में भी होता है जिससे घाव में बैक्टीरिआ नहीं फ़ैल पाते और घाव में इन्फेक्शन नहीं होता और घाव जल्दी भरते है।आयुर्वेद चिकत्सा में चांदी की भसम बनाकर कई रोगो के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स में
चांदी विद्युत की सबसे अच्छी सुचालक होती है इसलिए इसका उपयोग कंप्यूटर, मोबाइल आदि के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड बनाने में होता है इसके अलावा चांदी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक स्विच, टेलीविजन स्क्रीन और बैटरी बनाने में भी होता है।भोजन में
चांदी कुछ ऐसी धातुओं में से एक होती है जिसे कुछ मात्रा में खाया जा
सकता है और इससे हमारे शरीर को कोई नुक्सान भी नहीं होता है
इसलिए चांदी को पीट पीट कर चांदी की पतली परत बनाई जाती है जिसे चांदी
का वर्क कहते है चांदी के वर्क से मिठाइयों को सजाया जाता है और खाने
में प्रयोग किया जाता है।
कांच उद्योग में
चांदी में प्रकाश को परावर्तित करने की क्षमता सर्वाधिक होती है इसलिए
इसका उपयोग दर्पण (Mirror ) बनाने में होता है, इसके लिए साधारण
पारदर्शी कांच पर एक ओर चांदी की पतली परत चढाई जाती है
जो प्रकाश को परावर्तित कर देती है और हम दर्पण में अपना चेहरा देख
पाते है।
प्रतियोगिताओ में
चांदी का उपयोग विभिन्न प्रतियोगीताओं जैसे ओलिंपिक आदि में
विजेताओं के लिए मैडल और ट्रॉफी बनाने में भी होता
है।
अन्य उपयोग
- चांदी का उपयोग प्राचीन काल से ही गहने बनाने में होता आ रहा है।
- चांदी का उपयोग कीमती बर्तन बनाने में भी किया जाता है चांदी के बर्तन प्रतिष्ठा के प्रतीक माने जाते है और चांदी के बर्तन में भोजन करने से विशेष स्वस्थ्य लाभ भी होते है।
- चांदी का उपयोग सिक्के बनाने में भी किया जाता है प्राचीन काल में चांदी का उपयोग मुद्रा के रूप में किया जाता था।
-
चांदी का उपयोग देवी देवताओ की या अन्य मुर्तिया बनाने के लिए
भी किया जाता है।
चांदी (Silver) का उत्पादन
विश्व में सर्वाधिक चांदी का उत्पादन मेक्सिको देश में किया जाता
है। भारत में चांदी का उत्पादन बहुत कम होता है। भारत में सर्वाधिक चांदी
का उत्पादन राजस्थान के उदयपुर जिले में स्तिथ जावर की खान में होता
है यहाँ से भारत के कुल चांदी उत्पादन का लगभग 87% प्राप्त होता है,
राजस्थान के अलावा कर्णाटक, आंध्र प्रदेश, तथा झारखण्ड भी चांदी
के प्रमुख उत्पादक राज्य है।
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